Not known Factual Statements About Shodashi

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एकान्ते योगिवृन्दैः प्रशमितकरणैः क्षुत्पिपासाविमुक्तैः

षट्कोणान्तःस्थितां वन्दे देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥६॥

आर्त-त्राण-परायणैररि-कुल-प्रध्वंसिभिः संवृतं

Worshippers of Shodashi request not merely product prosperity and also spiritual liberation. Her grace is claimed to bestow both equally worldly pleasures plus the implies to transcend them.

The supremely attractive Shodashi is united in the heart in the infinite consciousness of Shiva. She gets rid of darkness and bestows light-weight. 

चक्रेऽन्तर्दश-कोणकेऽति-विमले नाम्ना च रक्षा-करे ।

हव्यैः कव्यैश्च सर्वैः श्रुतिचयविहितैः कर्मभिः कर्मशीला

Shodashi Goddess is one of the dasa Mahavidyas – the ten goddesses of wisdom. Her identify means that she may be the goddess who is often sixteen yrs old. Origin of Goddess Shodashi takes place following Shiva burning Kamdev into ashes for disturbing his meditation.

Her story contains famous battles in opposition to evil forces, emphasizing the triumph of good in excess of get more info evil as well as spiritual journey from ignorance to enlightenment.

लब्ध-प्रोज्ज्वल-यौवनाभिरभितोऽनङ्ग-प्रसूनादिभिः

यहां पढ़ें त्रिपुरसुन्दरी कवच स्तोत्र संस्कृत में – tripura sundari kavach

The entire world, as being a manifestation of Shiva's consciousness, holds The true secret to liberation when one realizes this fundamental unity.

इसके अलावा त्रिपुरसुंदरी देवी अपने नाना रूपों में भारत के विभिन्न प्रान्तों में पूजी जाती हैं। वाराणसी में राज-राजेश्वरी मंदिर विद्यमान हैं, जहाँ देवी राज राजेश्वरी(तीनों लोकों की रानी) के रूप में पूजी जाती हैं। कामाक्षी स्वरूप में देवी तमिलनाडु के कांचीपुरम में पूजी जाती हैं। मीनाक्षी स्वरूप में देवी का विशाल भव्य मंदिर तमिलनाडु के मदुरै में हैं। बंगाल के हुगली जिले में बाँसबेरिया नामक स्थान में देवी हंशेश्वरी षोडशी (षोडशी महाविद्या) नाम से पूजित हैं।

श्रीमत्सिंहासनेशी प्रदिशतु विपुलां कीर्तिमानन्दरूपा ॥१६॥

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